मेरा प्रेम और तुम Mera Prem or Tum

Mera Prem or Tum 
प्रेम बहुत कुछ चाहता है
अपने गहराई के लिए
अवलंबन चाहता है
विश्वास के लिए
जिसमें भ्रम ना हो
धोखा ना हो
तुझे देखते ही
सुकूॅ॑ का अहसास हो
और मुझे आशा है

Mera Prem or Tum

कि
तुम मेरे स्वाभिमान का
सम्मान करोंगे
जरूरत के उस पार भी
सिर्फ प्यार करोंगे
मेरा अहसास करोंगे
अपने अहसासो में
मुझे शामिल रखोगे
अपने हर सफर में
ताकि कोई रुकावट ना आए
हमारे प्रेम में
जीवन भर
चलते रहे साथ साथ !!!

मैं और तुम आधे अधूरे
बस मिलने की कोशिश की
पूरे-पूरे
बहती नदी हूं
बहते जाना है
सागर से मिलना या फिर
रास्ते में सूख जाना है !!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 तुम्हें देख के 
---राजकपूर राजपूत''राज''


Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ