वक़्त की रफ़्तार में कई यादें छूट जाते हैं

वक़्त की रफ़्तार में कई यादें छूट जाते हैं
जैसे ट्रेन की सवारी में कई पेड़ छूट जाते हैं

आपको यकीं नहीं होगा आप कहाॅ॑ आ गए
जवानी में बचपन की नादानियाॅ॑ छूट जाते हैं

खुद को बदलने में लगे रहे मेरी ये जिंदगी 
जैसे नये एलबम से पुरानी तस्वीरें छूट जाते हैं

पिछड़ने के डर से वो भीड़ में शामिल हुए लेकिन
जिंदगी की थकावट में कई सपने छूट जाते हैं

वक़्त की दौड़ में 'राज़' ना जाने क्या-क्या मिले
जो भी मिले लेकिन दिल की खुशियाॅ॑ छूट जाते हैं
----राजकपूर राजपूत''राज''

वक्त के रफ्तार में कई यादें छूट जाते हैं






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