तेरी दोस्ती से ज्यादा कुछ नहीं

तेरी दोस्ती से ज्यादा कुछ नहीं
तेरे सिवा दुनिया मेंं कुछ नहीं

दिल से दिल का रिश्ता है यारों
इसके सिवा मेरे पास कुछ नहीं

तुमसे बिछड़े तो मेरे अश्क बहते रहे
ऑ॑खों मेंं दर्द के सिवा कुछ नहीं

मेरा दिल टूट गया जब कभी तो
तेरी यादों के सिवा मेरा कुछ नहीं

मेरी ऑ॑खों ने कई ख्वाब सजाए हैं
जिसमें तेरे प्यार के सिवा कुछ नहीं

---राजकपूर राजपूत''राज''
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