उदास हूॅ॑ जिंदगी तुझे तलाश किए बगैर
कौन नहीं परेशां इश्क को समझें बगैर
तनहा तनहा हो गई है ज़िन्दगी सबकी
दिन मुश्किल से गुजरते हैं फोन देखें बगैर
मुफलिसी का मजाक उड़ाते हैं सभी यहाॅ॑
काम कौन करेगा यहां रिश्वत लिए बगैर
सौदा बन गया है अब मोहब्बत भी यारों
इश्क़ कौन करता है हैसियत देखें बगैर
दिल्लगी कहाॅ॑ है किसी काम, रिश्तों में "राज"
रह नहीं सकता कोई शाम को पीए बगैर
परवाह करना ही बेकार है यहाॅ॑ किसी का
रह नहीं सकता कोई सवाल किए बगैर
---राजकपूर राजपूत''राज''
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