यूँ सक्त जान ना ऐसे बना कर
जो दिल में है ख्याल कहा कर
जीने के अपने-अपने अंदाज हैं
शर्त है,यूँ ना परेशान किया कर
रो-रो के पीते है कमजोर लोग यहाॅ॑
लेने से पहले भी कुछ तो दिया कर
मर ना जाओं कही अपनी नजरों से
सीने में जज्बातों को जिंदा रखा कर
हर लफ्ज से मतलब की बू आती है
बेपरवाह है यहां सभी देख के चला कर
तोड़ दे सारे कायदे-कानून के 'राज'
इस दौर का अक्लमंदी भी दिखाया कर
---राजकपूर राजपूत''राज''
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