Jine ka Maja Kavita
मेरे दिल का हाल अब कुछ और है
चलों! चलें महबूब यहाॅ॑ कोई और है
मुद्दत हो गई है तुमसे मिले बगैर
अब दिल की तड़प कुछ और है
समझाते हैं इश्क़ छोड़ चुकी दुनिया
कहा जिसे ये दर्द का चुभन कुछ और है
कितने दर्द है मेरे सीने में क्या कहूॅ॑
तुझ बिन ये सावन भी कुछ और है
पास आओ मेरे तुझे जी भर निहार लूॅ॑
तेरे सिवाय जिंदगी में कहाॅ॑ कोई और है
अधुरी मेरी जिंदगी तेरी तलाश है
तेरे साथ जीने का मजा कुछ और है !!!
Jine ka Maja Kavita
तेरे साथ जीने का मजा कुछ और है
बता दूं प्यार की वजह तो प्यार कुछ और है
वासनाओं की परिभाषा दी जाती है
वजह नहीं मेरा प्यार कुछ और है
जीने की वजह तुम हो मेरी जिंदगी तुम हो
मैं चुप हूं तेरे अहसास लिए ये अहसास कुछ और है !!!
अभी मैं जी रहा था
प्रवासी पक्षी की तरह
कुछ वक्त के लिए
तेरे साथ
मैं जानता हूं
मेरे साथ नहीं उड़ोगे
एक नए प्रवास पे
तुम यहीं रह जाओगी
और मैं चला जाऊंगा
चुपचाप, अकेले
एक दिन
फिर भी मैं
तेरे साथ वक्त गुजारना चाहता हूं
मेरे अन्यत्र प्रवास से पहले !!!!
__राजकपूर राजपूत "राज"
बेमेतरा, छत्तीसगढ़
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