रूठ जाऊॅ॑ तो मुझको मना लेना

रूठ जाऊॅ॑ तो मुझको मना लेना
तन्हा हूॅ॑ बहुत दिल में बसा लेना

हक़ है मेरा कि मैं शिकायत करूॅ॑
समझो प्यार इसे गले से लगा लेना

इश्क ख़ुबसूरत है महकाएं जिंदगी
घर-आंगन में कुछ फूल सजा लेना

शबनम के मोती जमीं पर ना गिरे
चुपके-चुपके पलकों में सजा लेना

ख़ामोशी ही इश्क की ताक़त है मगर
ये "राज़" मुश्किल है समझा लेना

-----राजकपूर राजपूत
रूठ/जाऊं/तो/मुझको/मना/लेना


Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ