तेरे सीने में जब सर रख के सोया था

तेरे सीने में जब सर रख के सोया था
उस वक्त ये मेरा दिल बहुत रोया था

तेरे बिना मुझे बहुत तड़पाते हैं ये दुनिया
ये वही नजारें हैं जो मुझे बहुत रूलाया था

बिछड़े तो कई सवाल उठे थे सीने में
ख़बर नहीं हुई और ये दिल टूट गया था

महफिल सजी थी फिर भी मैं अकेला
ढूॅ॑ढ़ रही थी नज़रें तू क्यों नहीं आया था
---राजकपूर राजपूत''राज''




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