ये दिल पत्थर हो जाएगा
जब नज़रें मिलेंगे तो पल्लू सरक जाएगा
दिल दीवाना है तुझे छोड़ के कहाॅ॑ जाएगा
बदलाव की बातें करते हैं ये सारी दुनिया
ढूॅ॑ढ़ते हैं जन्नत तुझे छोड़ के कहाॅ॑ पाएगा
वो रूठ के भी बहुत पछता रहा है
दिल दीवाना है आखिर मान जाएगा
वो बच्चा मार खा कर चुप हो गया है
जानता है मां की आंचल छोड़ कहां जाएगा
बेशक अभी वो रूठ के चली गई है मुझसे
इश्क को ख़बर है इश्क़ बिना नहीं रह पाएगा
बदलाव की बयार में बदलते देखें हैं जमाने को
जज़्बातों के बिना ये दिल पत्थर हो जाएगा
यहाॅ॑ सब-कुछ है राज़ ना तरसाओ खुद को
इक्कीसवीं सदी में ढूंढेंगे तो इश्क मिल जाएगा
-----राजकपूर राजपूत
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