ना देख इस तरह तुम मुझे कि प्यार हो जाय

ना देखो इस तरह तुम मुझे कि प्यार हो जाय
नज़रें मिलते ही मेरे दिल को करार हो जाय

कशिश है तेरी ऑ॑खों मेंं ये दिल घायल हो जाय
चाहता हूॅ॑ इश्क में आग दिलों में बराबर हो जाय

जी रहा हूॅ॑ लोगों से बच के कहीं तू दूर हो ना जाय
लोग बुझाते हैं मेरे इश्क को और ज्यादा बढ़ जाय

हाॅ॑ रह लेता हूॅ॑ अपनी तन्हाइयों में यूॅ॑ ही आराम से 
भरोसा है जिन्दगी को तेरे आने से बहार आ जाय

बहुत रंजिश है दुनिया में दिल नहीं लगता है "राज़"
एक ही दूआ है खुदा से सबको बस प्यार हो जाय

-----राजकपूर राजपूत "राज़"

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