-प्रेम रखो सभी अपने देश में
इतना तो प्रेम रखो सभी इस देश में
सभी जीए जहाॅ॑ सभी के वेश भेष में
उन्नति के पथ पर सदा बड़े आगे-आगे
अपने स्वार्थ को त्याग दो देश प्रेम में
इसकी मिट्टी में सौंधी खुशबू है यारों
महसूस करों अपनी-अपनी साॅ॑सों में
अक्षुण्ण संस्कृति है हमारी फिर भी
आघात करने धोखेबाज हैं कई भेष में
नमन है देश के जवानों को सलाम है
जो हॅ॑सते-हॅ॑सते शहीद हुए इस देश में
____राजकपूर राजपूत "'राज'"
3 टिप्पणियाँ
प्रेरणादायी रचना
जवाब देंहटाएंAti sundar
जवाब देंहटाएंBhahut khub
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