जब से तुम्हें देखा है

जब से तुम्हें देखा है -


जब से तुम्हें देखा है तो खुद से कई बातें की हैं
ख्वाबो,ख्यालों में कई बार तुमसे मुलाकातें की हैं

कहने वाले कह रहे थे मुझे बुझा -बुझा -सा
उन्हें क्या ख़बर तेरे चेहरे को हर पल याद की हैं

जब-जब इस दुनिया ने मेरा दिल तोड़ा है
तुझे पाने के खातिर खुदा से इबादत की हैं

भरोसा अब सिर्फ़ तुम्हीं पे जमाने से मुझे क्या
हॉ॑,ऐसी दुनिया से मैंने खुद को अलग की हैं

समझे नहीं बात हमने यहाॅ॑ अपने पराए के
तेरे ख़त के हर लफ्ज़ बार-बार याद की हैं

कुछ हॅ॑सते हैं, कुछ समझाते हैं क्या हो गया मुझे
इश्क ही है 'राज़' न जाने क्या-क्या हालत की हैं
जब से तुम्हें देखा है जब से तुम्हें देखा है








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