न जाने कहाॅ॑ हो तुम Don't know where are you Hindi love poem

प्रेम की प्यास भी अजीब होती है । तड़पती नजरें, हर पल राह निहारती है ।Don't know where are you Hindi love poem  जब तक प्रेम मिल न जाय । अंतस में पीड़ा, कशक बनी रहती है । ईश्वर से एक झलक पाने के लिए दुआएं मांगी जाती है । ऐसे ही प्रेमी के लिए एक कविता हिन्दी में 👇👇

न जाने कहां हो तुम 

Don't know where are you Hindi love poem

 
उर की पीड़ा
और अधरों की प्यास
ढूंढ रही हैं नज़रें
हृदय में भरे उदास
न जाने कहाॅ॑ हो तुम
मिल जाते तो
मिट जाते हृदय के सारे संताप
ये दर्द भरे मेरे गीत
और शब्दों का अलाप
न जाने कहाॅ॑ हो तुम
फैला ये आसमान
बोझिल-सा मेरा मन
दरार पड़े ये धरती
छोड़ रही है पपड़ी
न जाने कहाॅ॑ हो तुम
ये फूलों की खुशबू
बहती ये बयार
दौड़ रही है मिलने को
ये नदियों की धार
न जाने कहाॅ॑ हो तुम
पथराई ऑ॑खें मेरी निहारती
बदरिया तुम क्यों नहीं आती
गरजों-बरसों रे कोई बुंद
न जाने कहाॅ॑ हो तुम
____राजकपूर राजपूत'राज'


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