Hatheli-ka-pakadna-kavita-hindi-
अपनी ही हथेलियों को
(१)
अपनी हथेलियों को
लड़ाता हुआ इंसान
जब चाहे
जिस ओर चाहे
झुका देता है इंसान
अपनी हथेलियों को
जिसे न्याय से कोई मतलब नहीं
वो तो खेल रहा है
अपनी हथेलियों से
अपनी शौक से !!!!
Hatheli-ka-pakadna-kavita-hindi-
दोनों हथेलियों को लड़ाना
मतलब जानबूझकर एक
हाथ को हराना है !!!
व्यक्ति स्वयं तमाशा बनाता है
जब दोनों हाथों को लड़ाता है
बस यूं ही मजे लेने के लिए !!!
-राजकपूर राजपूत
तुम छुओ मुझको
((२)
तुम छुओ मुझको
और एक ऐसा स्पर्श दो
मेरी उदासी बिखर जाय
ऐसा अहसास दो
उत्साह भर जाय
जीवन की क्षणिकता में
पूर्णता का भान हो जाय !!!
पूर्ण व्यक्ति की तरह जीना
दुष्कर कार्य नहीं है
वहीं व्यक्ति जी सकता है
जिसमें नफ़रत नहीं है
मोहब्बत नहीं है !!!
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