Being-passionate-is-not-wrong-the-condition-is-not-to-be-stupid-Poem प्रतिकूल परिस्थितियों का व्यक्तिगत अनुभव -
सहानुभूति तक सीमित होने की सम्भावना ज्यादा है । पीठ सहलाकर चले जाने की उम्मीद उससे अधिक है । सहानुभूति में बोले गए शब्द मरहम नहीं लगा सकते हैं । जितने विपरीत परिस्थितियों से लड़ा हुआ व्यक्ति के । अपनापन दें सकते हैं । इसकी भी सम्भावना कम है कि हमारी करूणा, संवेदनशीलता इतनी जल्दी जागृत हो । जिससे परिचित होते हैं । उसी चीजों के बारे में हमारी भावनाएं बनती है । बाकी अत्यंत साधारण आदमी बनने के लिए है । प्रतिकूल परिस्थितियां हैं । महान लोगों के आचरण इसके बेहतर उदाहरण है ।
Being-passionate-is-not-wrong-the-condition-is-not-to-be-stupid-Poem
जज्बाती होना गलत नहीं है शर्त है कि बेवकूफ न बने ।
भावनाओं से ही लगाव बनता है ।
भावनाओं से ही जुड़ाव बनता है ।
बिन भावनाओं के रिश्ते टिक नहीं पाते हैं ।
बिन भावनाओं के रिश्ते दिख नहीं पाते हैं ।
भावनाएं ही खुशिओं को संभालती है ।
सहलाती है ।
वरना आजकल तो
रिश्ते दिमाग से बनाए जाते हैं ।
फायदे देखकर ।
याद रखिए
दिमागी लोगों ने ही छला है,,
जज्बाती लोगों को ।
थोड़ा सावधान रहिए ।
दिमाग में कभी विश्वास ठहरता नहीं,,
तर्क और स्वार्थ रूकता नहीं ।
दिमाग में कभी कोयल की कूक लरजता नहीं ।
सबमें भावनाओं की कमी है शायद ।
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खीचे खीचे लोग रहते हैं आजकल ।
इतना तो है
दिमाग से जीना तो है
जज़्बाती लोग उलझ जाते हैं रिश्तों में
दिमागी लोग छेद कर जाते हैं रिश्तों में
जज़्बाती होने के साथ साथ
कुछ दिमागी होना तो है !!!
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