वो मुझसे मांगते हैं प्रेम का वादा
जिसमें प्रेम कम नफ़रत ज्यादा
बस कुछ नेकी कर बन जा अच्छा
काम किया कम विज्ञापन ज्यादा
न मुझे बुरा कहा न मेरे दुश्मन को
ऐसे मतलबी लोग खतरनाक ज्यादा
वो अपनी ग़लती को भी अच्छा कहता है
बात ऐसी रखी उसने सियासत ज्यादा
उसके सवालों का जवाब सवाल है
सुलह कम अब तो बहस ज्यादा
उसकी उदासीनता नफरतें बढ़ाती है
हां - हूं में उसका ज़वाब ज्यादा
वो ग़लत करने से पहले दस दफा सोचते
मगर उसके अधीन व्यवस्था ज्यादा
मैं हालात बदल दूंगा ये वादा नहीं करता
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