प्रेम है तो जीवन में सबकुछ है । What-have-you-gone-Poetry-of-love इसके बिना जीवन नीरस । हर चीज़ में ताजगी रहती है । कभी बोरियत महसूस नहीं होता । तन्हाइयों के अंधेरों में तेरी छवि स्मृति पटल पर ऐसी रची-बसी रहती है । जहां से बाहर निकलना ग्वारा महसूस होता है । यदि प्रेमिका की छवि निकाल दी जाय तो पुरा जीवन नीरस हो जाता है । पढ़िए इस पर कविता 👇👇
What-have-you-gone-Poetry-of-love--
तुम क्या गए
मानों पतझड़ आ गया
मेरे जीवन के
पत्ते पीले पड़ गए
जो अपनी साख से
अलग होने को विवश हो गए
शेष डाल से
अपने पेड़ से
जीवन रस छूट गया
अंततः गिर गए
ज़मीं पर
जिसका अब
कहीं ठिकाना नहीं
हवा के झोंको संग
उड़ जाएंगे कहीं
तुम क्या गए
अब मुझे महसूस नहीं होता
जीवन का आनंद
जीने का मजा
न दिन सुहाता है
न रात
जिंदगी हर पल आघात
न पेड़ों का रंगत महसूस होता है
न धरती की हरियाली भाती है
नदियां आज भी कल-कल बहती है
जीवन का संगीत देती है
लेकिन मेरे लिए
वहीं सुनापन
जो कभी
तुम्हारे बगैर महसूस किया था
आज फिर वही महसूस है
तुम जो गए
मेरे जीवन से
हां...
कभी महसूस करता था
हर जगह
हर चीजों पे
जैसे तुम हो वहां
मेरा मन रमता था जहां
भरता था कई रंग
जीने का उत्साह
जब तुम थे जहां
तो सबकुछ था
मेरे जीवन में !!!
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