ghazal-prem-ki-in-hindi
सबको खुश किया नहीं जा सकता
सबको प्यार दिया नहीं जा सकता
सबकी सोच सबकी समझ अलग-अलग
कभी तेरे मेरे विचार मिलाया नहीं जा सकता
अक्सर प्यार तिर्यक होता है इस जमाने में
प्यार के बदले प्यार दिया नहीं जा सकता
तुझे कोई चाहेगा ये बड़ी भूल है तुम्हारी
किसी को वक्त अब दिया नहीं जा सकता
आदमी खुद में इतने मशगूल है अब
खुद के लिए वक्त दिया नहीं जा सकता
सीखना लाजमी है मगर मैंने लोगों से सीखा
मतलब के सिवा रिश्ता बनाया नहीं जा सकता !!
ghazal-prem-ki-in-hindi
सदियों से सिखाया गया है
लेकिन जो हकीकत है दिखाया न गया था
हम पढ़ते रहे मोहब्बत का किताबें
नफ़रत बड़ी है मोहब्बत से बताया न गया था
अचानक भड़क गए जो अच्छे थे
उसकी बुराई नहीं कहना है बताया न गया था
उसका गला काटना लाजमी है
उसका हक़ है बताया न गया था !!!
हमने सीखा है तुम्हीं से
चालाकियों का तौर तरीके
वर्ना खुश रहना मुश्किल था
मेरे लिए !!!
तुम ग़लत को सही साबित कर लेते हो
कुछ कमी है मुझमें !!!
खुशियां खरीदी नहीं गई
मोहब्बत की नहीं गई
उसके हंसने की आदत
किसी से अंतर नहीं
आदमी, आदमी में अंतर की बात की नहीं !!!!
इन्हें भी पढ़ें 👉 निंदा और बुराई
2 टिप्पणियाँ
सब खुश रहे हमारे कर्मो से यह जरूरी नहीं
जवाब देंहटाएंआपकी लेख 101% सत्य है गुरूजी
धन्यवाद 🙏
हटाएं