अब रिश्ते तो यूॅ॑ ही टूट रहे हैं

अब रिश्ते तो यूॅ॑ ही टूट रहे हैं
क्योंकि,लोग अपने बारे में सोच रहे हैं
चाहत होती तो समर्पण होता
प्रेम में खुद का तर्पण होता
त्याग कम, सिर्फ लालच छूट रहे हैं
अब रिश्ते तो यूॅ॑ ही टूट रहे हैं
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