तेरी वो छूअन

 तुमने होंठों से जो लगाए थे

बाहों में भरकर प्यार जताए थे

मुझे आज भी याद है वो लम्हा

तुमने जी भर के गले लगाए थे

मेरा आज भी सहारा है तेरी वो छूअन

जब तुम मुझे पलकों पे सजाए थे

रोमांचित हो उठा था मेरा अंग-अंग

तेरी ऑंखें ने जीने की राह दिखाए थे


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