न रावण बन सकता है न राम

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 न तू राम बन सकता है 

न तू रावण बन सकता है 

तू सुविधा के आदि है 

केवल गिरा हुआ इंसान बन सकता है 

न तेरा चरित्र राम का है 

न तेरा चरित्र रावण का है 

अपनी औकात में रहना 

न कभी इंसान बन सकता है 

ये तेरी तारीफ़ है न रावण का 

ऐजेंडा धारी है न तू देश का 

अच्छा तू पूजा कर रहा है रावण का 

अरे  ! तू पहले गुण अपना ले रावण का 

तू दोगला है तारीफ़ नहीं कर सकते इस देश का !!!

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दोगलों के लिए,, 

जो अक्सर सवाल उठाते है

रावण का गुणगान करते हैं

जिसमें न रावण का ज्ञान

जिसको अपनी न पहचान

न शिव की कभी भक्ति

न रावण जैसी युक्ति

जिसको अंत समय में न राम याद आएगा

फिर कहो कैसे रावण जैसी मुक्ति पाएगा 

फिर भी वो रावण का तारीफ करते हैं

जो अभी तक रावण बन न पाएं हैं !!!


रावण जैसे बनने के लिए

शिव की भक्ति करना पड़ता है

ध्यान,योग, ज्ञान से

खुद को भूलना पड़ता है

और तुमने तो

राम के विरोध में

इन सबको छोड़ दिया है

अब बता तू रावण कैसे बन पाएगा !!!!


न रावण बन सकता है न राम

तथाकथित बुद्धिजीवियों सवाल उठाना तेरा काम

तुम बहलाएं गए हो

तुम मारे गए हो

सदा खुद के भीतर झांके

तुम सहलाएं गए हो

दुनिया बुरी है

तुम देख न पाए

अपनी देखें

और हीनता पाएं

ऐसे ज्ञानी बन पाएं हो । 

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