मरा हुआ आदमी Poem the Dead Man

Poem the Dead Man. मरा हुआ आदमी लाख कोशिश कर ले । कभी जिंदा नहीं हो सकता है । हां, ये अलग बात है कि अपने मतलब पे जिंदा हो जाते हैं । लेकिन बाकी चीजों पर उदासीन हो जाते हैं । जिसे वो समझदारी मानते हैं । पढ़िए इस पर कविता हिन्दी में 👇👇👇

Poem the Dead Man

 सोया हुआ आदमी

उघा हुआ आदमी

जागा हुआ आदमी

लोग उसके बारे में ही चर्चा करेंगे

है जो जागा हुआ आदमी

मरा हुआ आदमी

मारता हुआ आदमी

प्यार बांटता हुआ आदमी

लोग उसपे ही सवाल करेंगे

जो प्यार बांटता है आदमी

डरता हुआ विद्वान

दोगला हुआ विद्वान

नई राह दिखाता हुआ विद्वान

लोग उसे ही ज्यादा सुनेंगे

जो दोगला हुआ है विद्वान

जीने की राह भूल गए हैं

जीने की चाह भूल गए हैं

जो अच्छे बुरे का फर्क करना भूल गए

कौन समझाए किसे समझाए

यहॉं आदमी मर गए हैं !!!


आओ ! चर्चा करें

पेड़ लगाने की

पक्षियों को बचाने की

नदियों, झीलों, तालाबों को

संवारने की

अच्छा लगता है

सभ्य आदमी की तरह चर्चा

विचार गोष्ठी का आयोजन 

और फोटो खिंचवाना 

भले ही हम

गमलों में पौधा लगाएं

पक्षियों को

पिंजरों में क़ैद करें

नदियों , झीलों, तालाबों को

पाटकर अतिक्रमण करें

लेकिन चर्चा जरूर करें

हम न समझे तो

कोई कभी समझेगा

हम लोग सभ्य आदमी है !!!

आओ ! चर्चा करें

सभ्य होने का दावा करें

पौधे लगाते फोटो

भले ही पानी मत डालो

लेकिन फोटो में आनी चाहिए

लोग !!!!

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Poem the Dead Man

Poem the Dead Man




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