जिंदगी की धूंध में
तलाशती अपनी धुन में
किस मोड़ पे आ गए
जिंदगी तेरी भूल में
सोचा था अच्छा होगा पल
बेहतर आज से कल
जितना सोचा उतना उलझा
जिंदगी तेरी धूल में
जिंदगी की धूंध में
कई रिश्तें टूट गए
कुछ सम्हाला कुछ छूट गए
नींद कहॉं आएगी ऑंखों को
सफ़र के कॉंटों की शूल में
जिंदगी की धूंध में
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