सियासत से Poetry Hindi from Politics

Poetry Hindi from Politics 

 जहां सियासत जारी है

वहां झूठ, सच पे भारी है

भ्रम और अफवाहों का डेरा है 

सियासत से ईमान हारी है !!!


जिस दिन उपहास उड़ानें की बातें 

समझ आ जाएगी कि ये हैं नफरतें  

वामपंथियों की रणनीति में शामिल है 

भीतरी आघात ऊपरी मोहब्बतें 

उसकी शैली,उसकी झोली में डाल दोगे 

अपना रक्षक और सीख जाओगे सियासतें !!!!!

Poetry Hindi from Politics

अपने विचारों को इस तरह प्रस्तुत करों 

खुद को महिमा मंडित दूसरों को नीचा करों 

वो आदमी सियासी पंथ से आते हैं 

गलत को सही साबित किया करों !!!



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