बेशक मुकद्दर मुझसे रूठा रहे

बेशक लम्हा मुझसे रूठा रहे
वक़्त हमारा मुझसे रूठा रहे

लेकिन मैं फिर भी जीऊॅ॑गा
बेशक मुकद्दर मुझसे रूठा रहे 

हाथों की लकीरें यूॅं ही मिट जाएंगे
परवाह नहीं जो भी लिखा रहे
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