इरादे बदलें तो चाहत बदली

पर्वत में वही कठोरता है
नदी में वही शीतलता है

पेड़ों के पत्तों पे वहीं हरापन
वहीं धरती और वही आसमान

घुमड़ते बादलों का डेरा है
वहीं तन वही मन मेरा है

बस वक्त ने करवट बदली है
और इंसानों ने नीयत बदली है

बदलें तो केवल नजरें बदली
इरादे बदलें तो चाहत बदली

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