जिससे हमें अनुराग है

जिससे हमें अनुराग है 



जिससे हमें अनुराग है
उसी की हमें तलाश है

हर कोशिश की तमन्ना
मिल जाए जो खास है

आदमी वही चाहता है
जो दिल में अहसास है

कोशिश उसकी रंग लाएगी
बिन कोशिश तो हताश है 

उसे भूला नहीं हूं मैं कभी 
गुनगुनाता हूं वही जो खास है

और भला क्या मांगू "राज़"
देना मुझे जो तेरे पास है

---राजकपूर राजपूत''




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