जब नए साल की बात होगी

वहीं दिन होगा वहीं रात होगी
जब नए साल की बात होगी

धरती घुमेगी अपनी गति में
वहीं सर्दी, गर्मी और बरसात होगी

कैलेण्डर बदला है और तारीख नई
वहीं सुख और दुःख से मुलाकात होगी

नए संकल्प को तुम रखना "राज़"
वहीं दिन होगा वहीं रात होगी
---राजकपूर राजपूत''राज''
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