Dream Poem Hindi
आदमी को ख्वाब अच्छे लगते हैं
ये धूप तो जला देते हैं ख्वाबों को !!!
सहसा
किसी सोते नन्हे पौधे के बीज को
धुन खा गया
जो मौसम पर
अंकुरित होने वाला था
जैसे मुझे
ख्वाब देखने से
पहले कोई जगा गया !!!
Dream Poem Hindi
सहसा घटा आई
बिन बुलाए
बीज अंकुरित हो गया
नन्हे पौधे अब
राह तक रहा है
बादलों का !!!!
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