मेरी जिंदगी अलग है
जो अपना है नहीं उसे हम क्यों चाहें
मेरी अलग है जिंदगी उसकी अलग हैं राहें
दिखावटी, बनावटी जिंदगी में जो खुश है
वक्त आने पर दावे जिनके फुस्स है
माना दिल धड़कता है उसके नाम पे
प्यार बिना नहीं ऐसी चाहत किस काम के
अभी परखना बाकी है मेरे हौसले की
या तो मेरी हार होगी या दुनिया की
दुनिया की परवाह नहीं है मुझे
आ आजमा लें तू भी अब मुझे
कौन चाहता है यहां किसी को
वक्त आएगा औकात दिखेंगी हर किसी को
---राजकपूर राजपूत
0 टिप्पणियाँ