वक्त गुजर जाते हैं ऐसे
ज़ख्म भर जाते हैं ऐसे
उलझ जाता हूॅ॑ कहीं और
दर्द कम हो जाते हैं ऐसे
आखिर कब तक याद रखूॅऺ
वक्त के साथ भूल जाते हैं ऐसे
मैं जानता हूॅ॑ वो खुश है बहुत
अब खुद को समझाते हैं ऐसे
आज भी ताजा है ज़ख्म मेरा
तुम्हें देख के हो जाते हैं ऐसे
1 टिप्पणियाँ
Bahut hi sundar rachana 🙏
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