उदास नहीं'राज'इश्क में हूं I am not Sad Kavita

I am not Sad Kavita 
मेरी दीवार पर लिख दो
मुझे धोखा देना छोड़ दो

जितनी उम्मीद गैरों से है
अपनो से तुम छोड़ दो

सुनूं दिल की बात तो ठीक है
हर बार भरोसा छोड़ दो

तेरी सियासत है मीठी बातें
ये चालाकियाॅ॑ अपनी छोड़ दो

उदास नहीं 'राज' इश्क में हूॅ॑
अपना नाप तौल छोड़ दो !!!

I am not Sad Kavita


समझते तो समझ जाते
मेरे दिल की बात
ख्याल तेरा नहीं था
ध्यान तेरा नहीं था
मैं तो खोया था
अपने प्रेम में
बातें करते हुए
खुद को समझाते हुए
उसे सम्हालते हुए
इसलिए वक्त नहीं निकाला
तुम्हारे लिए
सुनी भी नहीं तेरी बात
मैं तो प्रेम में जी रहा था
तुम उदास समझ बैठे !!!!

मेरी तनहाई
मेरी चाहत में बसती है
जब-जब वो मेरे ख्यालों में आया
मुझे ले गया
दुनिया से दूर अपने पास
और मैं भी उस सूनी दुनिया में
ठहरा रहा
जैसे मन हरा रहा
बाहर निकलने की कोशिश न की !!!!
---राजकपूर राजपूत''राज''

Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ