जिंदगी और मौत तक
जब तक मेरी साॅ॑से चलेंगी
तब तक-
सुख दुःख को पीता रहूॅ॑गा
जिंदगी तुझे जीता रहूॅ॑गा
मेरी उपस्थिति ही मेरा वजूद है
जो मेरे पास है वहीं सबकुछ है
अपने अहसासों को बढ़ाता रहूॅ॑गा
जिंदगी तुझे जीता रहुॅ॑गा
नहीं किसी के बहकावे में
नहीं किसी के चढ़ावे में
मेरी जिंदगी है मेरी साॅ॑सों में
जिसे धड़कनों में सम्भाल के रखूॅ॑गा
जिंदगी तुझे जीता रहूॅ॑गा
1 टिप्पणियाँ
बहुत ही सुन्दर पंक्तियां
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