जरा सा सब्र करना था

ज़रा सा सब्र करना था


जरा सा सब्र करना था
मेरा भी इंतजार करना था

आता मैं जरूर लौटकर कर
ऑ॑खों से इज़हार करना था

भटकता रहा मैं तेरी तलाश में
थोड़ा मुझे भी प्यार करना था

ये दुनिया बहुत बुरी है यक़ीनन
मुझपे भी एतबार करना था

-राजकपूर राजपूत
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