हौसले बुलंद रखना था

जरा सा सब्र रखना था
हौसले बुलंद रखना था

मंजिल तुम्हें मिल जाती
आंखों में लक्ष्य रखना था

हासिल कर सकते थे तुम
ऑ॑खों में सपना रखना था

तुम्हारी मंजिल दूर नहीं थी
खुद पे यकीन रखना था

आसमां झुक जाएगा "राज़"
इरादे मजबूत रखना था

---राजकपूर राजपूत''राज''

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