Adjust kitna Love Poems
एडजस्ट कितना
कष्ट है जितना
सिर्फ़ इश्क में
स्ष्पट है इतना
परवाह है उसे
ट्रस्ट है जितना !!!!
परिभाषाओं में बंधना है
तो
मुझे नहीं रहना है
तेरे साथ
समझौते के रिश्तों में
जहां सौदा होता है
प्यार का अदला बदला
लेनदेन के हिसाब से
कुछ मर्यादाओं में बंधना
अपनी ही सीमाओं से
सीमित हो जाना
मेरा प्रेम नहीं है !!!!
Adjust kitna Love Poems
चलो ! तुम ही कहो
कहां तक मुझे जाना है
एक रेखा खींचो
जहां मेरी सीमा हो
तुम समझाते बहुत हो
ये जरूरी है
संबंधों के लिए !!!!
अब तक तो मैं तेरे पास था
मुझे तेरा अहसास था
लेकिन तुने प्रेम की परिभाषाएं बताई है
तब से कुछ ख्याल अलग है
तुम्हारे अहसास का !!!!!
0 टिप्पणियाँ