सबकी मंजिल एक सी

सबकी पूजा एक सी
दिल की दुआ एक सी

बस सुकून भरे लम्हें हो
खैरियत मांगे एक सी

वो धूप में जलता रहा
सबकी मंजिल एक सी

अपनी निगाहों में बसाए रखा
मंदिर की मूर्ति एक सी

दिल की बैचैनी बताती है
सबकी मोहब्बत एक सी

सर झुकाकर आया हूॅं
सबकी प्रार्थना एक सी
सबकी मंजिल एक सी


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