अपनी अपनी मंजिलें

अपनी अपनी मंजिलें
अपनी अपनी चाहतें

ढूंढे यहां सभी मगर
अलग-अलग है रास्ते

उम्मीद नहीं किसी की
कौन रूका है किसी के वास्ते

बढ़े चले चलो अपने सफ़र में
बेशक अकेले हो सफ़र के रास्ते

चलने से ही मंजिल मिलती है
ये सफर है तेरे वास्ते

---राजकपूर राजपूत''राज'' 
अपनी-अपनी मंजिलें

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