मुझसे
इसलिए दिल्लगी नहीं थी
तुम्हारी
नहीं ठहरी तुम्हारी नज़रें
मुझपर
जबकि सबकुछ था प्यारे
मेरे पास
तुम्हारी वासनाओं की पूर्ति
शायद !
कभी हो नहीं सकते तुम्हें संतुष्टि
क्योंकि
तुझमें प्रेम का अभाव है
इसलिए तुम्हें नहीं लगाव है
किसी पर
और ना ही तुम्हें अहसास है
प्रेम का
जिसके वजह से भटक रहे हो
इधर उधर !!!
2 टिप्पणियाँ
Bahut hi sundar
जवाब देंहटाएंबढिया
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