पढ़ाया कुछ और था
सीखा कुछ और था
हमारे जीवन की राहें
बताया कुछ और था
अब सुविधानुसार बातें
सिध्दांत कुछ और था
किताबें और इंसान का
ख्याल कुछ और था
भले मानुष सा दिखता है
मगर आदमी कुछ और था
मनमाफिक उसकी बातें
लेकिन इरादा कुछ और था
छुपती नहीं चालाकियाॅ॑ "राज़"
उसके ढोल में कुछ और था
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