खुद के जिंद में खड़े हैं समझाएं किस तरह
ये ओहदा, मान सम्मान वो पाए किस तरह
मतलब में कुछ भी कर गए थे बताए किस तरह
अच्छी बातों का उपयोग करना सीख गए हैं लोग
नफ़रत से जुड़े हुए लोग थे बताएं किस तरह
इतराते थे अपनी चालाकियों पे बहुत मगर
लोग समझ रहे थे लेकिन कहें किस तरह
जिस दिन उलझोगे तो समझ जाओगे सब-कुछ
अभी वक्त नहीं है तुम्हें बताए किस तरह
अपनी भी बात का असर होता बहुत राज़
उन्हें मोहब्बत नहीं थी मुझसे सुनें किस तरह
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