दूर से देखने से
ऐसा लगता है कि
ये धरती और आसमान
क्षितिज पर मिलते हैं
जितना करीब जाओ
उतना ही दूर लगते हैं
भ्रमित कल्पना लगते हैं
जो बरसों से पालें बैठें हैं
अपने अन्दर....!!!!
आसमान बहुत बड़ा है
इतना बड़ा
सम्पूर्ण सृष्टि होने के बावजूद
रिक्त है
इतनी जगह
कई सृष्टि आ जाएगी
इतनी जगह
और जब विनाश का समय आएगा
सम्पूर्ण सृष्टि सोख लेगा
ये ! आसमान !!!!
---राजकपूर राजपूत''राज''
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