वहीं गीत गाता हूं

मुझको जो अच्छा लगता है वहीं गीत गाता हूॅ॑
थोड़ी सी जज़्बात है बस वही लिख जाता हूॅ॑

कुछ नज़्में है कुछ ग़ज़लें है मेरे दिल की
मन हल्का हो जाता है मैं वहीं बात कह जाता हूॅ॑

मोहब्बत की शिकायत करते रहे जमाने भर से
हैसियत ही क्या जिंदगी की तेरे पास हार जाता हूॅ॑

---राजकपूर राजपूत 

वहीं गीत गाता हूं

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