मैं समंदर पार कर जाऊंगा

उसने सोचा मैं टूट कर बिखर जाऊंगा
इतना कमजोर नहीं मैं संभल जाऊंगा

कुछ ख़्वाब सजाएं हैं मैंने अपनी आंखों में
खड़े रहो किनारे मैं समंदर पार कर जाऊंगा
---राजकपूर राजपूत''राज''







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