अब मैं नहीं मुस्कुराता हूं
अब मैं नहीं मुस्कुराता हूं
नहीं हंसता हूं , नहीं खिलखिलाता हूं
क्योंकि मैं अब तुमसे प्यार करता हूं
अब होश ना रहा , ख्याल ना रहा
एक ही है मन मेरा,,
जिसमें तेरे सिवा कोई दूसरा ना रहा
आठों पहर तेरी सूरत का दीदार करता हूं
हां,, मैं तुमसे प्यार करता हूं
उस वक्त बेचैनी बढ़ जाती है
तुमसे मिलने की तड़प बढ़ जाती है
तुम आ जाते हो पास मेरे
तो जिंदगी, जिंदगी बन जाती है
अब दिल को कैसे समझाऊं
इसलिए तेरी राहों पे नज़र रखता हूं
हां,, मैं तुमसे प्यार करता हूं
---राजकपूर राजपूत
1 टिप्पणियाँ
बहुत सुंदर
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