शिकायतें

शिकायतें तो मेरे लबों पे थी
क्योंकि मुझे तुमसे मोहब्बत थी
तुमसे कितनी भी बातें कर लूं
फिर भी कुछ बातें अघूरी थी
एक झलक से मन भरता नहीं
मेरी सांसों में बसना जरूरी थी
---राजकपूर राजपूत''राज''


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