Deewana Tha Tere Pyar Mein Ghazal in Hindi
हैरत नहीं हुई मुझे तेरे हाथ छुड़ाने में
मैं ही दीवाना था तुझे इस क़दर चाहा था
तुम भूलोगी मुझे ख़बर थी
फिर भी मैंने तुझे इस क़दर चाहा था
दुनिया कहती है तुम सुनती हो
मैंने कहा नहीं सुनी फिर क्यों इस क़दर चाहा था
सोचता हूॅं मैं भी बदल जाऊं तुम्हारी तरह
तुमने तो अपने मतलब में इस कदर चाहा था
मिलते हो गैरों से खुशी-खुशी से
हमने तो उससे ज्यादा तुम्हें इस क़दर चाहा था
तुम अपनी शर्तों से जीते हो मगर
हमने तो मरकर भी तुम्हें इस क़दर चाहा था
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