साहित्य वो विधा है
साहित्य वही जो एहसास बढ़ा दें
दबी दिल की जज़्बात जगा दें
थक जाते हैं जिंदगी की तलाश में
लेकिन साहित्य उत्साह बढ़ा दें
कूप अंधेरे हो लेकिन कलम ना रूकें
अंधेरे को चीर रौशनी फैला दें
साहित्य वो स्थल है जहां पर
खुद का और दूसरों का अहसास बढ़ा दें
जब कलम निष्पक्ष होते हैं
नया समाज गढ़ते हैं
हर उलझन को सुलझा दें
साहित्य वो विधा है
जो जीवन को सफल बना दें !!!
---राजकपूर राजपूत
2 टिप्पणियाँ
बिल्कुल सही कहा
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा
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