मैं चाहता तो -कविता

मैं चाहता तो
कई रास्ते चुन लेता
जीने के लिए
लेकिन.…
मुझे अहसास नहीं हुआ
तुम्हारे जाने के बाद
वो दर्द,, तड़प,
पीड़ा,,,चुभन
जो तुझमें था
कहीं और नहीं,,
इन सबके बावजूद
दिल में सुकून था
एक कशिश थी
तेरी आंखों में
जो आज भी
मेरे दिल में
दर्द बनकर रहता है


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