Snake and Man Poem Hindi
एक दिन तुझपर मुझे हंसना पड़ेगा
तेरी औकात ऐसी है कहना पड़ेगा
भरोसा नहीं तुझपे तेरी हस्ती क्या
तू सांप है खुद को ही डसना पड़ेगा
जिस थाली में खाते हो उसी में छेद
जयचंद है एक दिन उसे मरना पड़ेगा !!
Snake and Man Poem Hindi
सांप ने सीखा कहां है अभी डसना
आदमी जैसे सीख रहा है अभी डसना
पहचान नहीं अपने पराए का
आदमी देख सांप भूल जाता है अपना डसना !!
सांप तुम्हें आदमी से सीखना चाहिए
मौके की ताक पे रहना चाहिए
जैसे ही मतलब के दायरे में आए
तुम्हें मुंह खोलकर डसना चाहिए !!!
सांप जानता है किससे खतरा है
आदमी की जात पे बहुत नखरा है
ज़हर उसपर असर नहीं होगा
ज़हरीले आदमी का असर बहुत गहरा है !!!
सांप का घर नहीं
इसलिए डर नहीं
कहीं भी जाकर बस जाता है
जब मन लगे चला जाता है !!!
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---राजकपूर राजपूत''राज''
2 टिप्पणियाँ
Bahut hi sundar
जवाब देंहटाएंBahut badiya
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